मित्रों!
कल रविवार को खटीमा से प्रातः 5 बजे उठकर
मैं अपनी बहन कविता, जीजा जी नितिन शास्त्री
भानजे प्रांजल, भानजी प्राची और
बुआ जी विजय लक्ष्मी व उनके बेटे अंकित शेखर
के साथ टनकपुर से 25 किमी दूर पर्वतों पर बसी
माँ पूर्णागिरि के दर्शनों के लिए गया।
आपके साथ भी इन सुन्दर चित्रों को शेयर कर रहा हूँ!